30.1.25

Sainya Manovigyan (सैन्य मनोविज्ञान)

 

Military Psychology



by:    LALLANJI SINGH




Price : Rs 300.00

ISBN 978-93-91984-68-7

pp.: 176







Text Bok for UG and PG students of Defence and Strategic Studies. In accordance with the syllabus based on NEP 2020. Specially useful for 6th semester students of UP state universities. Also contains MCQs. Useful for all higher-level competitive exams. including NET and state-level Assistant Professor exams.

List of Contents

सैन्य मनोविज्ञान का विकास और रक्षा समस्याओं की दृष्टि में इसकी प्रासंगिता
सशस्त्र सेनाओं में व्यक्तिगत कारक (रक्षा सेनाओं में व्यक्तिगत चयन एवं वर्गीकरण, कार्य विश्लेषण, बुद्धि)
पलायन और रक्षा क्रियातंत्र (भूतपूर्व सैनिकों के पुनः समायोजन की समस्या, सेवानिवृत अग्निवीरों की समायोजन समस्या)
सैन्य जीवन में समूह गतिकी (गत्यात्मकता)
सैन्य शिक्षण एवं परीक्षण का महत्व एवं भूमिका
युद्ध में भय और घबराहट
संवेग अथवा भावना 
अभिप्रेरणा 
मानव प्रबन्ध 
सैन्य मनोवैज्ञानिक युद्धकला
मनोवैज्ञानिक युद्ध के हथियार या तकनीक (प्रचार, अफवाह, मस्तिष्क प्रक्षालन एवं विचारारोपण)
मनोबल अथवा हौसला
युद्ध  में नेतृत्व
अनुशासन
आसूचना 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सन्दर्भ ग्रन्थ

Yuddh ke Sambandh mein Vigyan aur Praudyogiki (युद्ध के संबंध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी)

 

Science and Technology in Relation to Warfare


by:    LALLANJI SINGH
         DINESH KUMAR RAWAT 


Price : Rs 385.00

ISBN 978-93-91984-63-2

pp.: 264






Text Bok for UG and PG students of Defence and Strategic Studies. In accordance with the syllabus based on NEP 2020. Specially useful for 6th semester students of UP state universities and 7th semester students of Uttarakhand state universities. Also contains MCQs. Useful for all higher-level competitive exams. including NET and state-level Assistant Professor exams.


List of Contents

विज्ञान प्रौद्योगिकी का विकासक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा
समाज और युद्धकला पर विज्ञान और तकनीकी का प्रभाव
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों/निगमों की भूमिका
वैश्विक पारस्परिक निर्भरता (अन्योन्याश्रित)
नई प्रौद्योगिकी का अभ्युदय
रडार प्रौद्योगिकी
योधन-संभार की तकनीकी
बख्तरबंद वाहन टैंक
आग लगाने वाला कवचभेदी गोलाबारूद (दाहक)
बख्तरबंद कार्मिक वाहक
विमान
मानवरहित विमान या ड्रोन
भारतीय प्रक्षेपास्त्र इतिहास           
पनडुब्बी
विमानवाहक पोत : एक परिचय
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भारत
सैन्य मामलों में क्रान्ति
विद्युत-चुम्बकीय युद्धकला
साइबर युद्ध और कम्प्यूटर का युद्ध में प्रयोग
रासायनिक एवं जीवाणु हथियार
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (रक्षा) : अवधारणा और अनुप्रयोग
परमाणु हथियार/अणु बम का अनुप्रयोग और उसका प्रभाव
नाभिकीय (परमाणु) हथियारों का विकास और उनकी विशेषताएँ
रक्षा अनुसंधान एवं विकास और भारत में रक्षा उत्पादन  
भारत के रक्षा उद्योग
 
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
संदर्भ ग्रंथ सूची

28.1.25

Readings into TRANSLATION: Theory and Indian Literary Texts

 

by

Ruchi Agarwal








ISBN 978-93-91984-80-9

Price: Rs. 295.00

pp.: 120

Size: 11.5 inches X 9 inches (untrimmed)





for UG—Semester 4, according to the new syllabus prescribed by M.J.P. Rohilkhand University, based on National Education Policy (NEP 2020)



Readings into Translation: Theory and Indian Literary Texts is crafted to align with the syllabus of fourth-semester undergraduate students, following the National Education Policy (NEP–2020). The book explores translation's history, significance, and challenges in India’s multilinguistic and multicultural society. It introduces the theoretical aspects of translation, explains the difference between literal and free translation, and highlights the role of modern tools and technology in translation practices. A major section is devoted to the study of Indian literary works in translation, including Amrita Pritam’s Pinjar, Jayshankar Prasad’s Aansu, and thought-provoking plays and stories by authors like Bhisham Sahni, Mahasweta Devi, Mohan Rakesh, and Vijay Tendulkar. The book also includes exercises for Hindi-to-English and English-to-Hindi translations. The book serves both as an exam guide and a resource for literary understanding. This book is an effort to make translation studies accessible, practical, and enjoyable.

Dr. Ruchi Agarwal is an Assistant Professor of English at Sahu Ram Swaroop Mahila Mahavidyalaya in Bareilly, Uttar Pradesh. She completed her Ph.D. in 2005, with research focusing on the works of American dramatist Eugene O’Neill. Dr. Agarwal’s scholarly contributions extend to publications in reputable books and journals. Her main areas of interest are Indian English Literature and Modern British Literature.


Contents include

Unit I
        1. Translation: Introduction and Brief History
2. Multilingualism and Indian Tradition of Translation
3. Literary and Free Translation

Unit II
        4. Translation: Use of Technology

Unit III 
        5. A Concise Study of Amrita Pritam’s Pinjar
       
Unit IV
        6. A Concise Study Jayshankar Prasad’s “Aansu”

Unit V
        7. A Concise Study of Bhisham Sahni’s “Amritsar Aa Gaya”
8. A Concise Study of Mahasweta Devi’s “The Hunt”

Unit VI
        9. A Concise Study of Mohan Rakesh’s Adhe Adhure
10. A Concise Study of Vijay Tendulkar’s Kanyadaan

Unit VII
        11. Translation Practice—Hindi to English

Unit VIII
        12. Translation Practice—English to Hindi

19.1.25

हमास - इजरायल युद्ध 2023-24 के नवीन सामरिक आयाम (Hamas-Israel War)

 


लेखक :

विष्णु कान्त शर्मा

अशोक कुमार शर्मा  


ISBN 978-93-91984-77-9

Hardbound

Price: Rs. 975.00

pp.: 272


also available at amazon.in


फिलिस्तीन  के आतंकवादी संगठन हमास ने गाजा में सीमा तोड़कर 07 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर अचानक हमला किया। फिलिस्तीन ने दुनिया के सबसे मजबूत डिफेन्स सिस्टम वाले इजरायल पर लगभग 5000 राकेट दागे। आतंकवादियों ने सैनिकों, महिलाओं, बच्चों एवं वृद्धों के साथ इतनी बर्बरता की कि उसका वर्णन शब्दों में संभव नहीं। हमास की इस बर्बरता के कारण पश्चिम एशिया युद्ध का दंश झेल रहा है। प्रस्तुत पुस्तक इन्हीं तमाम पहलुओं व नवीन समरिकी पर प्रकाश डालने का प्रयास है। 


डाॅ. विष्णुकान्त शर्मा, जन्म 28 दिसम्बर, 1958, बिलौआ जिला ग्वालियर मध्यप्रदेश। शिक्षा—एम.एस-सी. (सैन्य विज्ञान) जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, पी-एच.डी. (रक्षा अध्ययन), पं. रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, एल.एल.बी. जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर। सैन्य विज्ञान विषय की स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की पुस्तकों के लेखक, जिनमें ‘‘एन.सी.सी. परिचय एवं प्रशिक्षण’’ प्रकाश बुक डिपो, बरेली, 1991, ‘‘रासायनिक युद्ध की तकनीक’’ मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1994, ‘‘एन.सी.सी. कैडेट्स मिलिट्री ट्रेनिंग’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 1994, ‘‘कारगिल संघर्ष और उसके बाद’’, प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2005, ‘‘ग्वालियर एवं पश्चिमी बुन्देलखण्ड के दुर्ग एवं गढ़ियाँ’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2013, ‘‘महारानी लक्ष्मीबाई का सैन्य नेतृत्व’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2017, ‘‘आतंकवाद एवं आन्तरिक सुरक्षा’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2019, प्रकाश बुक डिपो, बरेली, ‘‘भारत-नेपाल संबंध’’ प्रतीक्षा पब्लिकेशन्स, जयपुर, 2019, ‘‘सूचना का अधिकार अधिनियम 2005’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2021,  ‘‘भारत का सैन्य इतिहास’’ मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 2022, “पश्चिमी एशिया, भारत एवं संयुक्त राष्ट्र’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2022, ‘‘सैन्य विज्ञान के आधारभूत तत्व’’ मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 2022, “1857 का स्वतंत्रा संग्राम एवं बाबू कुंअर सिंह’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2024 , तथा “हमास-इजरायल युद्ध 2023-24 के नवीन सामरिक आयाम’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2025 ,  हैं। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में अनेक शोध पत्र प्रस्तुत। दो दर्जन से अधिक शोध पत्र प्रकाशित। जरनल आॅफ एकेडेमिक सोसायटी आॅफ डिफेन्स स्टडीज, रायपुर के संस्थापक सदस्य एवं सम्पादक। मार्गदर्शन में 14 शोध छात्रों को पी-एच.डी. की उपाधि अवार्ड। मार्गदर्शन में 3 पी-एच.डी. के छात्र शोधरत्। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित 3 शोध प्रोजेक्ट पर कार्य किया। एक शोध प्रोजेक्ट पर कार्यरत। रक्षा अध्ययन, इतिहास एवं सामाजिक विज्ञान की अनेक संस्थाओं के आजीवन सदस्य। एन.सी.सी. के पूर्व कमीशन प्राप्त अधिकारी। आकाशवाणी पर वार्ताओं का प्रसारण। अनेक लघु कथाओं एवं कविताओं का प्रकाशन। संस्कार भारती, मध्य भारत ग्वालियर द्वारा इतिहास एवं पुरातत्व में शोधपरक लेखन के लिए जुलाई 2009 में कला गुरु सम्मान से सम्मानित। 1980 से मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सैन्य विज्ञान/रक्षा अध्ययन विषय का सतत् अध्यापन। यथा, एम.जे.एस. शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिण्ड, शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर (अब छत्तीसगढ़), शासकीय स्नातक महाविद्यालय, आलमपुर एवं शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, ग्वालियर में पदस्थ रहे। वर्तमान में प्राध्यापक एवं अध्यक्ष, सैन्य विज्ञान, शोध एवं स्नातकोत्तर विभाग, महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय स्वशासी (उत्कृष्ट) महाविद्यालय, ग्वालियर में पदस्थ रहे।

डाॅ. अशोक कुमार शर्मा  —जन्म 15 अक्टूबर 1966, भोपाल  (मध्य प्रदेश )। प्रो 0 अशोक कुमार शर्मा (मकसूदन माहराज ), शासकीय मोतीलाल विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल में, रक्षा एवं कूटनीतिक अध्ययन विभाग में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं व वर्तमान में क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, भोपाल नर्मदापुरम  संभाग भोपाल में संलग्न हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति चेतना, युवाओं में राष्ट्रहित की भावनाओं के संचार के साथ ही सामाजिक समरसता व आध्यात्मिकता हेतु विचारक व ओजस्वी वक्ता , प्रोफेसर शर्मा श्रीमद भागवद महापुराण, श्री रामकथा और अंक ज्योतिष के माध्यम से भी लगातार काम कर रहे हैं।  अपने छात्र जीवन में ही डॉ  शर्मा ने युवा वर्ग के लिए साप्ताहिक समाचार “तरुण क्षितिज” का सम्पादन किया है। दैनिक अखबार में राजनीतिक संवाददाता भी रहे हैं। डाॅ. विष्णु कान्त शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक “1857 का स्वतंत्रा संग्राम एवं बाबू कुंअर सिंह’’ प्रकाश बुक डिपोबरेली, 2024  के संपादक। प्रोफेसर शर्मा का 34 वर्षों  का अध्यापाक अनुभव, राष्ट्रीय संगोष्ठियों/ webinar/ कार्य शालाओं में भाग लेने के साठ ही, शोधपत्रों तथा लेखों के प्रकाशन, शोध पत्रिकाओं में हो चुके हैं। 


विषय सूची


आमुख

 अध्याय-एक : पश्चिम एशिया का सामरिक परिचय

 अध्याय-दो : इजराइल एवं पीएलओ

 अध्याय-तीन : पश्चिम एशिया मूल समस्या

 अध्याय-चार : तेल राजनीति एवं खाड़ी युद्ध

 अध्याय-पाँच : फिलिस्तीन की समस्या एवं अरब-इजराइल संघर्ष

 अध्याय-छह : हमास-इजराइल युद्ध की डायरी

 अध्याय-सात : हमास-इजराइल युद्ध में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका/शान्ति के प्रयास

 अध्याय-आठः हमास-इजराइल युद्ध की सामरिक मीमांसा

                परिशिष्ट-1

                परिशिष्ट-2

                संदर्भ ग्रंथ

 

19.7.24

Readings into BRITISH and AMERICAN DRAMA

 

by

Ruchi Agarwal









ISBN 978-93-91984-89-2

Price: Rs. 310.00

pp.: 224



for UG—Semester 3, according to the new syllabus prescribed by M.J.P. Rohilkhand University, based on National Education Policy (NEP 2020)


Readings into British and American Drama is meticulously crafted to align with the syllabus prescribed by MJP Rohilkhand University for third-semester undergraduate students, following the National Education Policy (NEP–2020). The book deals with the various forms, elements, devices, and terms of drama, followed by an in-depth critical study of six selected plays from British and American literature, as outlined in the syllabus. Designed with clarity and simplicity in mind, this book ensures that all students, including those with a Hindi-speaking background, can easily comprehend the material. The content is carefully chosen and thoughtfully organized to balance depth of analysis with ease of understanding. Each chapter also includes Multiple Choice Questions (MCQs) to test students’ understanding and Questions for Practice to enhance their composition skills, preparing them for examinations. Detailed explanations of significant passages are also provided for plays intended for detailed study.


Dr. Ruchi Agarwal holds the position of Assistant Professor in English at Sahu Ram Swaroop Mahila Mahavidyalaya, located in Bareilly, Uttar Pradesh. She successfully concluded her Ph.D. research in 2005, focusing on the works of the American dramatist, Eugene O’Neill. Dr. Agarwal's scholarly contributions extend to publications in reputable books and journals. Her academic pursuits primarily revolve around the realms of Indian English Literature and Modern British Literature.


Contents include

Introduction to Drama

Drama Types

Elements of Drama

Literary Terms

A Study of Shakespeare’s Macbeth

A Study of Bernard Shaw’s Arms and the Man

A Study of Oliver Goldsmith’s She Stoops to Conquer

A Study of T.S. Eliot’s Murder in the Cathedral

A Study of Eugene O’Neill’s The Emperor Jones

A Study of Arthur Miller’s All My Sons


Solved Model Paper

1.7.24

एक अकेला पहिया

 

(नवगीत-संग्रह)

लेखक : अवनीश सिंह चौहान

 



ISBN 978-93-91984-75-5

Price: Rs. 250.00

pp.: 112



also available at amazon.in


साहित्य-जगत में डॉ अवनीश सिंह चौहान एक प्रतिष्ठित नवगीतकार हैं। वे हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं के प्रख्यात लेखक और इन दोनों भाषाओं की आभासी दुनिया और प्रिंट मीडिया के जागरूक संपादक हैं। डॉ अवनीश सिंह चौहान आभासी दुनिया में नवगीत की स्थापना करने वाले उन्नायकों में अग्रपांत रहे हैं। यद्यपि आपका नवगीतीय अवदान बहुत अधिक नहीं है, किंतु जो है उसकी सुगंध देश की सीमाओं से बाहर निकलकर वैश्विक हो गई है — विश्व स्तर पर आपके हिन्दी और अंग्रेजी भाषी पाठकों की संख्या लाखों में है। 

'अकेला होना' और 'अकेले चलना' दो अलग-अलग स्थितियाँ हैं। 'अकेला होना' मनुष्य की बाध्यता या विकलता का सूचक हो सकता है, जबकि 'अकेला चलना' मनुष्य का चुनाव है। 'अकेला चलना' एक कला है— भोगी के लिए भी और योगी के लिए भी लौकिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मनुष्य को अकेले ही अपने कर्तव्यपथ पर चलना होता हैं, क्योंकि कर्तव्य ही उसे आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करता है और विषम परिस्थिति आने पर पथविचलित होने से उसकी रक्षा करता है— "कर्तव्येन कर्ताभि रक्षयते" (महाभारत, भीष्म पर्व, 58.27)। 'एक अकेला पहिया' की रचनाएँ मनुष्य की इसी लौकिक और आध्यात्मिक यात्रा का वृतांत रचने का एक लघु प्रयास हैं। 


21.5.24

1857 का स्वतंत्रता संग्राम एवं बाबू कुंअर सिंह (Babu Kunwar Singh)


लेखक :

विष्णु कान्त शर्मा

अशोक कुमार शर्मा  


ISBN 978-93-91984-53-3

Hardbound

Price: Rs. 650.00

pp.: 184


also available at amazon.in


भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857-58 में लड़ा गया था। अंग्रेज इतिहासकारों ने इसे सिपाही विद्रोह अथवा गदर का नाम दिया है, किन्तु वास्तव में यह सिपाही विद्रोह अथवा गदर न होकर भारतीय स्वाधीनता का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम था, जिसका मुख्य उद्देश्य था-अंग्रेजों को देश से बाहर निकाला जाय तथा भारत को स्वतंत्र किया जाय। 

स्वातन्त्रय संघर्ष के दौरान ब्रिटिश सेनाओं से हुए अनेक संग्रामों में बाबू कुंअर सिंह ने अपने कुशल नेतृत्व, सामरिक योग्यता एवं श्रेष्ठ युद्ध  कौशल का प्रदर्शन किया था। इस पुस्तक का उद्देश्य बाबू कुंअर सिंह द्वारा लड़े गये संग्रामों का तथ्यात्मक विश्लेषण एवं मूल्यांकन करके उनकी सामरिक छवि को उजागर करना है।


डाॅ. विष्णुकान्त शर्मा, जन्म 28 दिसम्बर, 1958, बिलौआ जिला ग्वालियर मध्यप्रदेश। शिक्षा—एम.एस-सी. (सैन्य विज्ञान) जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, पी-एच.डी. (रक्षा अध्ययन), पं. रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, एल.एल.बी. जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर। सैन्य विज्ञान विषय की स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की पुस्तकों के लेखक, जिनमें ‘‘एन.सी.सी. परिचय एवं प्रशिक्षण’’ प्रकाश बुक डिपो, बरेली, 1991, ‘‘रासायनिक युद्ध की तकनीक’’ मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1994, ‘‘एन.सी.सी. कैडेट्स मिलिट्री ट्रेनिंग’’ प्रकाश बुक डिपो, बरेली, 1994, ‘‘कारगिल संघर्ष और उसके बाद’’, 2005, ‘‘ग्वालियर एवं पश्चिमी बुन्देलखण्ड के दुर्ग एवं गढ़ियाँ’’ 2013, ‘‘महारानी लक्ष्मीबाई का सैन्य नेतृत्व’’ 2017, ‘‘आतंकवाद एवं आन्तरिक सुरक्षा’’, 2019, प्रकाश बुक डिपो, बरेली, ‘‘भारत-नेपाल संबंध’’ प्रतीक्षा पब्लिकेशन्स, जयपुर, 2019, ‘‘सूचना का अधिकार अधिनियम 2005’’, 2021, प्रकाश बुक डिपो, बरेली, ‘‘भारत का सैन्य इतिहास’’, 2022, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल तथा ‘पश्चिमी एशिया, भारत एवं संयुक्त राष्ट्र’’, 2022, प्रकाश बुक डिपो, बरेली हैं। राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों में अनेक शोध पत्र प्रस्तुत। दो दर्जन से अधिक शोध पत्र प्रकाशित। जरनल आॅफ एकेडेमिक सोसायटी आॅफ डिफेन्स स्टडीज, रायपुर के संस्थापक सदस्य एवं सम्पादक। मार्गदर्शन में 14 शोध छात्रों को पी-एच.डी. की उपाधि अवार्ड। मार्गदर्शन में 3 पी-एच.डी. के छात्र शोधरत्। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित 3 शोध प्रोजेक्ट पर कार्य किया। एक शोध प्रोजेक्ट पर कार्यरत। रक्षा अध्ययन, इतिहास एवं सामाजिक विज्ञान की अनेक संस्थाओं के आजीवन सदस्य। एन.सी.सी. के पूर्व कमीशन प्राप्त अधिकारी। आकाशवाणी पर वार्ताओं का प्रसारण। अनेक लघु कथाओं एवं कविताओं का प्रकाशन। संस्कार भारती, मध्य भारत ग्वालियर द्वारा इतिहास एवं पुरातत्व में शोधपरक लेखन के लिए जुलाई 2009 में कला गुरु सम्मान से सम्मानित। 1980 से मध्यप्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सैन्य विज्ञान/रक्षा अध्ययन विषय का सतत् अध्यापन। यथा, एम.जे.एस. शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिण्ड, शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर (अब छत्तीसगढ़), शासकीय स्नातक महाविद्यालय, आलमपुर एवं शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, ग्वालियर में पदस्थ रहे। वर्तमान में प्राध्यापक एवं अध्यक्ष, सैन्य विज्ञान, शोध एवं स्नातकोत्तर विभाग, महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय स्वशासी (उत्कृष्ट) महाविद्यालय, ग्वालियर में पदस्थ।

डाॅ. अशोक कुमार शर्मा  —जन्म 15 अक्टूबर 1966, भोपाल  (मध्य प्रदेश )। प्रो 0 अशोक कुमार शर्मा (मकसूदन माहराज ), शासकीय मोतीलाल विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल में, रक्षा एवं कूटनीतिक अध्ययन विभाग में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं व वर्तमान में क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, भोपाल नर्मदापुरम  संभाग भोपाल में संलग्न हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति चेतना, युवाओं में राष्ट्रहित की भावनाओं के संचार के साथ ही सामाजिक समरसता व आध्यात्मिकता हेतु विचारक व ओजस्वी वक्ता , प्रोफेसर शर्मा श्रीमद भागवद महापुराण, श्री रामकथा और अंक ज्योतिष के माध्यम से भी लगातार काम कर रहे हैं।  अपने छात्र जीवन में ही डॉ  शर्मा ने युवा वर्ग के लिए साप्ताहिक समाचार “तरुण क्षितिज” का सम्पादन किया है। दैनिक अखबार में राजनीतिक संवाददाता भी रहे हैं। प्रोफेसर शर्मा का 34 वर्षों  का अध्यापाक अनुभव, राष्ट्रीय संगोष्ठियों/ webinar/ कार्य शालाओं में भाग लेने के साठ ही, शोधपत्रों तथा लेखों के प्रकाशन, शोध पत्रिकाओं में हो चुके हैं। 


विषय सूची

अध्यायः 1 प्रस्तावना

अः भारत में पाश्चात्य शक्तियों का आगमन

बः ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना

सः कम्पनी व्यापार से सत्ताधिपत्य की दिशा में

दः भारत के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के कारण

यः संग्राम की योजना, तैयारी एवं विस्फोट


अध्यायः 2 जीवन परिचय एवं व्यक्तित्व

अः बाल्यकाल

बः व्यक्तित्व एवं प्रतिष्ठा


अध्यायः 3 कम्पनी की विस्तारवादी शोषक नीति एवं बिहार

अः देशी राजाओं एवं जागीरदारों के प्रति कम्पनी की नीति

बः बिहार मंे क्रान्ति की तैयारियाँ एवं विस्फोट

सः बाबू कुंअर सिंह का स्वतन्त्रता संग्राम में पदार्पण


अध्यायः 4 बाबू कुंअर सिंह का सैन्य नेतृत्व

अः कम्पनी के विरुद्ध युद्ध के लिए प्रोत्साहन

बः सैन्य परामर्शदाता

सः सैन्य संगठनकर्ता

दः सैन्य संक्रिया नियोजक

यः सैन्य संभरक

रः संग्राम कला


अध्यायः 5 बाबू कुंअर सिंह का युद्ध  कौशल

अः आरा का संग्राम (30 जुलाई 1857)

बः बीबीगंज का संग्राम (2 अगस्त 1857)

सः आजमगढ़ का संग्राम (22 मार्च 1858)

दः टोंस नदी का संग्राम (15-17 अप्रैल 1858)

यः जगदीशपुर का संग्राम (23 अप्रैल 1858)


अध्यायः 6 बाबू कुंअर सिंह के अन्तिम दिन

अः जगदीशपुर में सिंहासनारूढ़

बः रुग्णावस्था एवं स्वर्गवास


अध्यायः 7 सैन्य समीक्षा एवं उपसंहार

अः व्यक्तित्व

बः राष्ट्रीयता

सः नेतृत्व

दः उपलब्धियाँ


परिशिष्टः

एकः बाबू कुंअर सिंह की जागीरदारी के आंकड़े

दोः 1845दृ46 का षड्यन्त्र एवं बाबू कुंअर सिंह से सम्बन्धित कुछ पत्र

तीनः विद्रोही निशान सिंह का बयान

चारः विद्रोही हरकिशन सिंह के मुकदमे की कार्यवाही

पाँचः बाबू कुंअर सिंह के पूर्वज एवं वंशज

छहः बाबू कुंअर सिंह की संस्ड्डत प्रशस्ति

सातः कुंअर सिंह एवं अमर सिंह की जब्त की गई जागीरदारी के हिसाब का सार-संक्षेप

आठः शाहाबाद में पकड़े गये शस्त्रास्त्रों की सूची

नौः बिहार के अन्य क्रान्तिकारी एवं उनका संघर्ष क्षेत्रः-

अमर सिंह-शाहाबाद

अर्जुन सिंह-सिंहभूमि

हैदर अली खान एवं जुहार सिंह-गया

दसः प्रचलित लोकगीतों में बाबू कुंअर सिंह


संदर्भ-ग्रन्थ