पहेली-निर्माता : प्रशान्त अग्रवाल
ISBN 978-93-91984-31-1
Price: Rs. 200.00
pp.: 104
पहेली वह विधा है जिसमें अनुमान-जन्य रोचकता, अत्यल्प समय-साध्यता, स्पर्द्धा, शब्द-भंडार का परीक्षण, शब्द-भंडार की वृद्धि जैसे अनेक उपयोगी तत्त्वों का समावेश होता है। प्रस्तुत पुस्तक में उक्त के अतिरिक्त गेयता जैसे आनंददायक तत्त्व को भी सम्मिलित किया गया है।
इस पुस्तक में 68 पहेली-पुष्पों में पंखुड़ियों के रूप में कुल 1574 पहेलियाँ हैं जिनकी मुख्यतः दो श्रेणियाँ हैं;
- . तुकांत पहेलियों को बूझना
- .
स्वयं तुकबंदी करते हुए
पहेली बूझना (बच्चों में कवित्व कौशल के बीजारोपण की दृष्टि से यह विशेष उपयोगी
है।)
उक्त विन्यासों में अंग्रेज़ी भाषा की भी कुछ पहेलियाँ
पुस्तक में हैं।
इसी पुस्तक से ..
फल बूझें डंडे जैसा उसका रूप मीठेपन से है भरपूर
रिश्ता बूझें दादा जी के बेटे हैं पापा उनसे छोटे है
जीव-जंतु बूझें गर्जन बड़ा भयंकर इन-सा नहीं धुरंधर
पक्षी बूझें सुंदर पंख सजाके वर्षा ऋतु में नाचे
नदी बूझें 'वेदवती' यह हुई लुप्त संगम में जलधारा गुप्त
पेशा बूझें कक्षा में वो रोपे बीज ज्ञान-नीर से देता सींच
वाद्ययंत्र बूझें बक्से पर हैं तार डंडी करें प्रहार
नगर बूझें राजस्थानी यह नगर इसमें है जंतर-मंतर
खेल बूझें सााँस रोक दुश्मन-घर जाते घेरें सारे दुश्मन लौटें अगर किसी को छूकर झूम उठे है तन-मन
तुक मिलाएं, पेड़ बतायें जटा फै लती हैं बेहद वृक्षों का दादा ...
तुक मिलाएं, उत्तर प्रदेश के जिले बतायें पर्यटकों से सदा भरा 'ताज' वाला ...
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